गाजियाबाद -हापुड में मुख्यत गुहिल वंशी गहलौत राजपूत और कुरु वंशी तोमरों के गांव पढ़ते हैं।
यहां के गहलौत उदयपुर के निकट से निकले रावल खुमाण के वंशज है।
जिन्होंने गांव देहरा (मुस्लिम) बसा कर मेवों की सहायता से यहां के डोर वंशीय (जो मेरठ,कोल,बरनके शासक )के पश्चिम की तरफ खदेड कर ११वी शताब्दी में अपना क्षेत्र बसाया।
अकबर के समय तक दिल्ली सरकार का चौथा सबसे बडा परगना डासना पर इन्ही का अधिकार था। जिसे आज साठा कहा जाता है
आज इस क्षेत्र में गहलौत राजपूतों के करीब 60 गांव है जो ( बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गोतम बुद्ध नगर) में पड़ते हैं।
जिनमें मुस्लिम गहलौत राजपूतों के भी करीब 8-9गांव है
दिल्ली के तोमरवंशी क्षत्रिय शासक भदपाल के वंशजों ने इसी क्षेत्र में 10 या 11वी शताब्दी में पुठ और भदस्याना में पर अधिकार जमाया। जिनकी क्षेत्र अधिकार को चौरासी कहा जाता है। आज यहां अलग अलग तहसील में 50+गांव में इनकी आबादी है।
इसके अलावा मुस्लिम तोमरों के भी 8 के करीब गांव है।
इस पुरे क्षेत्र को मिलाकर प्रसिद्ध साठा चौरासी कहा जाता है।
हापुड़ जिला बनने के बाद इसके अधिकतर गांव हापुड़ जिले की धौलाना तहसील में पड़ते है।
तोमर राजपूतों के गांव
1. गालंद-यह तोमर राजपूतों का सबसे बडा गांव है। जिसकी आबादी 10000 ओर वोट 9000 तक है।यह गांव NH24पर पढता है यहां से आगे अगले 15किमी तक NHपर तोमरों के ही गांव है। जिंदल कंपनी इसे जगह है वर्तमान में बीजेपी जिला उपाध्यक्ष शिव ओम तोमर यहां से हैं।
2. लाखन-गालंद से अगला गांव लाखन है जिसकी आबादी 2700 और वोट 2100 तक है यह भी तोमरों का गांव है।
3. हिंडालपुर-इस गांव की आबादी 2600 और वोट 1800तक है। तोमरों का गांव है।
4. मसौता -यह गांव जिला गाजियाबाद और हापुड़ की सीमा पर है ।पर आता गाजियाबाद में है। गांव की आबादी 3000 है।
5. खेडा-यह तोमर राजपूतों का काफी बडा गांव है।इस गांव की आबादी 9000 और वोटर 8000 तक है।
6. सिखेड़ा -यह गांव भी NH 24पर तोमरों का गांव है । गांव में आदी आबादी मुस्लिम और आधी हिंदू की है
जिसमें 30%राजपुत है ।
बीएस तोमर ब्लाक प्रमुख, भाजपा नेता अजीत तोमर व सतपाल तोमर इस गांव से है।
7. पिलखुवा -यह एक कस्बा है जिसमें मुस्लिम और हिन्दू 50%है।
यहां हत्थकरघा के लिए मशहूर है। इसमें 4-5पट्टी तोमरों की है जिसमें प्रसिद्ध महादेव राणा पट्टी है।जो कुछ दशक पहले तक न हिस्ट्रीशीटरो के लिए मशहूर थी।
8. मकीमपुर गढी -यह तोमर राजपूतों का छोटा सा गांव है 1857की क्रान्ति में यहां के राजा गुलाब सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध बागवत कर दी ।जिसके कारण इनका किला तोप से उढा कर खंडर कर दिया गया।
9. दतेडी- यह भी तोमर राजपूतों का छोटा गांव है जिसकी आबादी 2700 तक है । यहां हर साल प्रसिद्ध जाहरवीर का मेला लगता है गांव में एक पुरानी मीनार भी है जो अब अपनी खस्ता हालत में है । कहते हैं इस का उपयोग राजा अपने दुशमन पर नजर रखने के लिए करता था।
10.अतरौली -तोमरो का गांव आबादी 4000।
11. शामली -तोमरो का छोटा गांव है जो मोदीनगर तहसील गाजियाबाद में पडता है। पुर्व धौलाना विधायक धर्मेश तोमर का गांव है गांव की आबादी 2200 तक है।
12. अनवरपुर -यह गांव भी एन एच 24 पर तोमरों का गांव है।
इसकी आबादी 4500 तक है ।
13. डुहरी - यह गांव तोमरों का है और एन एच 24 पर है।
गांव की आबादी 4500तक है।
पुर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी के करीबी बिशन सिंह यही से थे।
2 बार उनकी पार्टी से मोदीनगर विधानसभा से चुनाव लड़ें। दोनों बार निराश रहे।
14. कस्तला -यह तोमरों का बड़ा गांव है गांव की आबादी 5000 तक है गांव में एक मोहल्ला चौहान राजपुतों का है जो सम्भनवत गुड़गांव या राजस्थान से है।
15. निजामपुर-यह तोमर राजपूतों का छोटा सा गांव है गांव की आबादी 1400 तक है गांव में गुजर भी है कांग्रेस नेता सचिन पायलट की बुआ राजेश पायलट की एकलौती बहन इसी गांव में है।जिनके पति की चोरों ने हत्या कर दी थी।
16. भदस्याना - यह गांव दिल्ली के तौमर वंशीय शासक भदपाल ने बसाया जिसकी कारण इसका नाम भदस्याना पडा।यही से तोमरों ने इस चौरासी क्षेत्र पर राज स्थापित किया।यह गांव बुलंदशहर हापुड़ सीमा पर गढ़मुक्तेश्वर के पास है।
17. कनौर-
18. रघुनाथ पुर
19. भटयाना,
20. बड़ौदा हिन्दुवान,
21. अचपलगढी,
22. आकलपुर,
23. बडायला-इस गांव में जाट समाज ज्यादा है ,
24. पावला,
25. मीरापुर ,
26. परतापुर,
27. जोया,
28. फरीदनगर,
29. कांवी-इस गांव में जाट समुदाय भी है
30. खैरपुर
31. भैना
32. देहरा
33. धौलपुर
34. सदरपुर
35. जखेडा
36. चित्तोडा
37. पलवाडा
38. लिसडी
74. हरसिंहपुर - यह भी तोमर राजपूत बहुल गांव है, कुल आबादी 4000 , जिसमें 900 राजपूत वोट हैं। यहां जाट , गड़रिया भी पाए जाते हैं।
75. चंदपुरा - यह भी तोमर राजपूतों का गांव है, कुल आबादी 600 ।
गहलौत राजपुतों के गांव
39. सपनावत -यह गहलौत राजपूतों का सबसे बड़ा गांव है।
इसकी आबादी 10000 ओर वोटर 9000 तक है।यह गांव मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध है। गाजियाबाद जिले में सबसे अधिक सैनिक भी इसी गांव से ।1971 में गांव के मेजर महेंद्र सिंह वीरगति को प्राप्त हुवे। मोदीनगर से तीन बार के विधायक रहे
स्व सुखवीर गहलौत इसी गांव के थे।
40. धौलाना -यह साठे क्षेत्र का सबसे बड़ा गांव है जिसे 2011मे हापुड़ जिले की तहसील बना दिया ।पर विकास कार्य यहां शुन्य है। गांव में राजपूत,दलित,और मुस्लिम प्रमुख है गांव में राजपूतों की संख्या 25%तक है और गांव की आबादी 15000 तक है।
साठा शिरोमणि स्व मेघनाथ सिंह सिसौदिया का यहा निवास स्थान था।स्व मेधनाथ सिंह जो राणा जी के नाम से प्रसिद्ध थे।
इनका सम्मान में मंत्री सांसद यहां तक की मुख्यमंत्री तक इनसे आशीर्वाद लेते और कभी नाम से नहीं बुलाते थे इन्होंने अपने जीवनकाल में 70+ विधायक ,कालेज बनवाते।
इनके प्रपौत्र निशांत सिसौदिया जिला मंत्री है।
41. शौलाना - यह गांव भी गहलौत राजपूतों का है। गांव के आधे लोग मुस्लिम हो गये और अब यह गांव कागजी रुप में दो गांव हो गये। लालपुर शौलाना शौलाना की आबादी 3600और लालपुर की 3500 है । गांव में चौहान भी है जिनका पुरा एक मोहल्भाल है भाजपा नेता और कल्याण सिंह के करीबी वर्तमान में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद सिसौदिया यही से है।
मशहूर क्रिकेटर इंशात शर्मा का यह पृतैक गांव है।
42. फगौता - यह गहलौत राजपूतों का गांव है गांव की आबादी 4200 तक है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया यही से है।
43. बझेडा खुर्द -यह गहलौत राजपूतों का गांव है गांव की आबादी 4600 तक है यह गांव भूमि अधिग्रहण के लिए किसान आंदोलन के लिए प्रसिद्ध है । देश के सबसे बड़े पावर प्रोजेक्ट रिलायंस पावर प्लांट लगाने के लिए उपजाऊ भूमि के उचित दाम न देने के कारण पांच गांव के किसानों ने आंदोलन किया । जिनकी अगुवाई बझेडा गांव के महाराणा संग्राम सिंह समिति के अंतर्गत मंगु राणा के नेतृत्व में हुई।
और अनिल अंबानी को अपने डरीम प्रोजेक्ट को हटाना पड़ा ।जिस के कारण अनिल अंबानी को इतना नुकसान हुआ की आज तक खडा नहीं हो पाया।
गांव में पीएसी ने किसानों को बुरी तरह पीटा भी परन्तु किसानों ने हार नहीं मानी और आखिर में पावर प्लांट हटा लिया गया।
हालांकि इससे क्षेत्र को बहुत नुकसान हुआ तब से आज तक कोई भी उद्योगपति यहां निवेश करने से डरते और परहेज करते हैं।
44. समाना- यह गहलौत राजपूतों का गांव है इस गांव से गहलौतो के 4गांव निकले है नगला छज्जू नगला गज्जू नगला कांशी , कमरुद्दीन नगर।
समाना गांव में प्रसिद्ध सती मलदी देवी का मेला लगता है।
45. कलौंदा - यह गहलौत राजपूतों का सबसे समृद्ध गांव में से एक है गांव की आबादी 3800तक है।
46. पारपा - यह गहलौत राजपूतों का गांव है आबादी 3600तक है।
47. एकलैडी- इसकी आबादी 3200है ।
48. ककराना-3800तक।
49. छज्जूपुर - गहलौत राजपूतों का गांव आबादी 3000।
50. डाहाना- गहलौत राजपूतों का गांव है आबादी 4000 ।
तीन बार के मोदीनगर विधानसभा स्व नरेंद्र सिसौदिया यही से थे।
51. नारायणपुर- गहलौत राजपूतों का गांव । इस गांव में हिंदू व मुस्लिम दोनों है। आबादी 4200 ।
52. नंदपुर - गहलौत राजपूतों का गांव आबादी 2200।
53. बासतपुर- गहलौत राजपूतों का छोटा सा गांव है।पुर्व भाजपा प्रत्याशी वाई पी सिंह यही से है।
54. सिवाय - यह छोटा सा गांव है जिसकी आबादी 2200 तक है भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश राणा यही से है
55. सिरोधन- यह गहलौत का पश्चिमी सीमा का गांव है यह हापुड़ बुलंदशहर सीमा पर है कुख्यात युद्धवीर सिंह बाटा यही से था जिसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य रहीं है
56. दोलतपुर ढीकरी
57. कपुरपुर
58. नरैना
59. कलौंदी
60. सुखदेवपुर
61. मतनावली
62. जादौपुर
63. माजरा
64. चचोई
65. बीघेपुर-इस गांव में गुजर समाज भी है
66. मिलक-गहलौत राजपूतों का गांव । आबादी 1200 है
67. ड़ोमाटीकरी
68. नंगला छज्जु
69. नंगला गज्जु
70. नंगला कांशी
71. कमरुद्दीननगर
72. महमदपुर - इस गांव में चौहान राजपुत और गुर्जर है
73. निगार्वटी।
इन सभी गांव की कुल आबादी लगभग 3लाख है । जबकि गाजियाबाद की कुल गार्मीणा क्षेत्र की आबादी 15.2लाख है।
मतलब गाजियाबाद हापुड़ की कुल गामीण जनसंख्या का 20% क्षत्रियो के गांव से है
जिसमें 1.75 +केवल क्षत्रियो की है।